यह ध्यान रखने की जरूरत है कि हिंसा में शामिल ज्यादातर समूह अब तक बातचीत के जरिए समस्या के समाधान संबंधी प्रयासों में शामिल नहीं हो सके हैं। इसलिए सरकार और एक उग्रवादी समूह के बीच बातचीत की कामयाबी इस पर निर्भर करेगी कि दूसरे गुट इस पर क्या रुख अपनाते हैं।