सोशल मीडिया ने हमारे जीवन में ग़लत सूचनाओं के एक नये किस्म को जन्म दिया है — इसे हम आपसी सहयोग द्वारा फैलाई गयी झूठी ख़बर कह सकते हैं. इन सहायक सोशल मीडिया जनित नेटवर्क का गठन झूठ और अफवाह फैलाने के मकसद से किया गया है, जिसका इस्तेमाल प्रोपेगेंडा फैलाने के लिये एक हथियार के तौर पर किया जाता है. ये वो हथियार है जिसका इस्तेमाल हमारे विभाजित समाज का हर वर्ग खुलेआम करता है. सच्चाई ये है कि इन नेटवर्किंग समूह के ज़रिये सबसे वीभत्स और विचित्र विचारों को भी समाज की मुख्यधारा में स्वीकार्यता मिल जाती है. हालांकि- ध्यान से देखने पर हम पायेंगे कि ये झूठ जिसे प्रोपेगेंडा के तौर पर फैलाया जा रहा है, उसके जड़ में व्याप्त समस्या की वजह समाज में गहरे तक धंसा विभाजन है. ज़रूरत उस भेदभाव, उस विभाजन और उस दरार को दूर करने की है.
क्या सोशल मीडिया पर लगाये जाने वाले बैन का कोई फायदा है? शायद नहीं.
ये एपिसोड जनवरी 2021 में प्रसारित हुआ था.