रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब यूरोप लोगों के जीवन और आजीविका को प्रभावित करने के लिए तैयार है, और दुनिया भर की उन अर्थव्यवस्थाओं में सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल मचाने के लिए भी तत्पर है जो पहले से ही कोविड-19 से उबरने के लिए संघर्ष कर रही हैं. अमेरिका, जिसने कोरोना वायरस महामारी में पाँच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं, अब खुद उच्च मुद्रास्फीति के साथ उच्च ब्याज दरों की उम्मीद कर रहा है, क्योंकि यह quantitative easing से पीछे हटने के लिए मजबूर है. इसके साथ ही, शंघाई में एक बार फिर से बढ़ते चीनी कोविड के नये मामले पहले से ही चरमराती आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित कर रहे हैं.
इन सभी विघटनकारी घटनाओं में 'यूक्रेन संकट' ही एकमात्र ऐसी घटना जो अभी तक वैश्विक शक्तियों के नियंत्रण में है. क्या वे रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान बातचीत और शांति समझौते ज़रिये निकाल पाएंगे?
संदेश स्पष्ट है - युद्ध रुकना चाहिए.