चाहे हम ऑकस (AUKUS) की बात करें या क्वॉड संगठन की, सच्चाई ये है कि ये दोनों ही व्यवस्था आज महज़ आवरण है — किस छिलके के अंदर कौन कितना रस भरेगा वो तो समय ही बताएगा.
मौजूदा समय में ऑकस का क्वॉड पर क्या असर पड़ेगा ये हमारे लिए कम चिंतनीय है. ज़्यादा बड़ी चिंता है राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका की वृहद हिंद-प्रशांत के बारे में रणनीति. अमेरिका यदि अतिवाद के खिलाफ युद्ध से अपने पांव पसार लेता है तो भारत के लिए चिंता बढ़ती है और उसे तलाश रहेगी अन्य साथियों की.