सामान्य से थोड़ा सा दूर खड़ी दुनिया को कोविड19 (Covid_19) के नए वेरिएंट OMICRON ने दोबारा उसी जगह लाकर खड़ा कर दिया है, जहां से सब कुछ शुरू हुआ था. बेतरतीब प्रतिक्रिया और यातायात के साधनों पर प्रतिबंध लगने शुरू हो गए हैं. क्या हमने पिछले दो साल से लगातार लड़ी जा रही कोविड (Coronavirus) से जंग में कुछ भी नहीं सीखा है?
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) 21वीं सदी की आख़िरी और सबसे कड़ी चेतावनी है उन राज्यों और संस्थाओं को जिन्हें 20वीं सदी की कल्पना और यथार्थ के आधार पर गढ़ा गया था. सच्चाई ये है कि कोरोना वायरस, प्रवासियों या शरणार्थियों का संकट, व्यापार संकट से भी ज़्यादा बड़ा दैत्य हमारे दरवाज़े पर मुंह बाये खड़ा है जो इन सभी समस्याओं के जोड़ से भी ज़्यादा व्यापक और गंभीर है.
पूरे विश्व के दरवाज़े पर खड़ा यह संकट है हमारी लगातार हारती अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और असफ़ल होते इन संस्थानों में तैनात तमाम सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधि. ये सभी 21वीं सदी के ताकतवर संकटों से निपटने में नाकाम दिखाई दे रहे हैं.